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‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनेगा नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस का 125वां जन्मदिन, जयंती की पूर्व संध्‍या पर PM ने भी किया ट्वीट

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खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले आज़ाद हिन्द फ़ौज बनाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है। 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाई जा रही है।

पराक्रम दिवस के रूप में मनेगा जन्मदिन।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्‍मदिन अबसे पूरे देश में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेताजी की जयंती की पूर्व संध्‍या पर सिलसिलेवार कई ट्वीट किए हैं। इनमें उन्‍होंने देश के प्रति सुभाष बाबू की निष्‍ठा और समर्पण भाव को याद किया है।

पीएम ने ट्वीट में लिखा, ‘कल भारत, महान नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाएगा। देशभर में आयोजित होने वाले विभिन्‍न कार्यक्रमों में से एक विशेष कार्यक्रम गुजरात के हरिपुरा में आयोजित किया जाएगा। दोपहर 1 बजे से आयोजित होने वाले इस प्रोग्राम में शामिल हो सब।

कैसे मनेगा उनका जन्मदिन ?

  • सुभाष चंद्र बोस की वर्षगांठ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूमधाम से मनाई जाएगी।
  • संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के मुताबिक संस्कृति मंत्रालय ने इस वर्ष कई गतिविधियों और परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है।
  • कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में 23 जनवरी को होने वाले उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे।
  • इस अवसर पर नेताजी जी के बारे में एक प्रदर्शनी और एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का उद्घाटन किया जाएगा।
  • नेताजी पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम अमरा नूतॉन जौबनेरी दूत आयोजित किया जाएगा।
  • एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।
  • संस्कृति मंत्रालय भी कटक, ओडिशा में नेताजी के जन्मस्थान पर एक कार्यक्रम आयोजित करेगा।
  • गुजरात के हरिपुरा में एक अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
  • दूरदर्शन और आकाशवाणी भी सुभाष चन्‍द्र बोस के जीवन और कार्यों पर चर्चा, लघु फिल्‍म और अन्‍य कार्यक्रम बनाएंगे।

बता दे नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। वह भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के सबसे अग्रणी नेता थे। खास बात ये है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन भी किया था।

भारतीय इतिहास के इसी महानायक के त्याग,बलिदान और लगन ने भारत को आदाज़ी का रास्ता दिखाया था। नेताजी ने दुनियां में जहां पहली महिला फ़ौज का गठन किया वहीं कूटनीतिक प्रयासों के जरिए आज़ाद हिन्द सरकार बनाई। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया।

इसीलिए आज उनका जन्मदिन पूरा देश पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है।

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