प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईमानदारी से टैक्स देने वालों को खुशखबरी दी है। दरअसल आज से डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म्स के अगले चरण की शुरूआत होने जा रही है. पीएम ने बताया कि फेसलेस एसेसमेंट और टैक्सपेयर चार्टर जैसे बड़े सुधार आज से लागू हो गए है. प्रधानमंत्री ने कहा देश में चल रहा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंच गया है. 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है. इस प्लेटफॉर्म में फसलेस असेसमेंट, फसलेस अपील और Taxpayers Charter जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं.
पीएम मोदी ने घोषणा की, कि फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू हो गए हैं .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट' प्लैटफॉर्म का लोकार्पण किया।#HonoringTheHonest pic.twitter.com/47xJ9R3JY0
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) August 13, 2020
जबकि Faceless appeal की सुविधा 25 सितंबर यानि दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। अब टैक्स सिस्टम भले ही Faceless हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये Fairness और Fearlessness का विश्वास देने वाला है।
Honoring the Honest- ईमानदार का सम्मान।
पीएम मोदी ने कहा – देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है।
क्या है रिफार्म का मतलब ?
प्रधानमंत्री ने कहा – हमारे लिए Reform का मतलब है, Reform नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो, Hollistic हो और एक Reform, दूसरे Reform का आधार बने, नए Reform का मार्ग बनाए। और ऐसा भी नहीं है कि एक बार Reform करके रुक गए। ये निरंतर, सतत चलने वाली प्रक्रिया है।
साथ ही पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बातें –
- अब हाईकोर्ट में 1 करोड़ रुपए तक के और सुप्रीम कोर्ट में 2 करोड़ रुपए तक के केस की सीमा तय की गई है। ‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं।
- 5 लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। Corporate tax के मामले में हम दुनिया में सबसे कम tax लेने वाले देशों में से एक हैं।
- कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली Seamless हो, Painless हो, Faceless हो।Seamless यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे। Painless यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर Rules तक सबकुछ Simple हो।
- अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है। स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है।
- अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की Dignity का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा। अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता।
- वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है।
- स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है। बीते 6 वर्षों में भारत ने tax administration में governance का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है।
- इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं।
- जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी, ऐसा पीएम मोदी ने इस घोषणा के ख़त्म होने के बाद कहा।