रविवार को यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सपा-बसपा और आरएलडी की साझा रैली को संबोधित करते हुए मुसलामानों से कांग्रेस की जगह सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन को वोट करने का आह्वान किया. मायावती का यह संबोधन अब चुनाव आयोग के घेरे में आ पहुंचा है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी लक्कू वेंकटेश्वरलू ने मायावती द्वारा दिए गए भाषण को संज्ञान में लिया, जिसमें वो ये कहती नज़र आई कि कांग्रेस बीजेपी को हारने में सक्षम नहीं है इसीलिए मुसलमानों को महागठबंधन को ही वोट देना चाहिए.
सूत्रों का कहना है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस संदर्भ में स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.
Uttar Pradesh Chief Electoral Officer has taken cognisance of BSP chief Mayawati’s speech she delivered today in Saharanpur’s Deoband. The Officer has sought a report from the local administration. (file pic) pic.twitter.com/RfPHvo3twp
— ANI UP (@ANINewsUP) April 7, 2019
रविवार को देवबंद में हुई ये रैली सपा-बसपा-आरएलडी की पहली साझा रैली थी, जिसमें तीनों ही पार्टियों के प्रमुख मौजूद थे. ये पहली बार था जब इन तीनों नेताओं को मंच पर एक साथ देखा गया. तीनों ही नेताओं ने अल्पसंख्यक,गरीब और दलित समाज से बीजेपी सरकार को सबक सीखने की गुहार लगायी.
भाषण में मायावती ने मोदी सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यकों, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों का विकास नहीं हुआ है.
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जहां उन्होंने बीजेपी के ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन को निशाना बनाया, वहीं उन्होंने कांग्रेस की न्याय योजना को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ज़्यादा अलग नहीं है. दोनों के दौर में ही भ्रष्टाचार बढ़ा है. कांग्रेस सरकार में बोफोर्स और मोदी सरकार में राफेल मामला इसका सुबूत है.
देश में सात चरणों का चुनाव 11 अप्रैल से शुरू हो रहा है और यह 19 मई तक चलेगा. मतगणना 23 मई को होगी.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं, जिसके लिए मतदान सभी सात चरणों में होगा.