बिहार में RJD नेता तेजस्वी यादव के एक फोन कॉल का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह पटना के जिला अधिकारी चंद्रशेखर सिंह से बात करते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल ये वायरल इस लिए हो रहा है क्यूकी शुरुआत में डीएम सिंह ये समझ नहीं पाते हैं कि उनकी बात बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से हो रही है और वे कॉल को गंभीरता से नहीं लेते हैं।
जैसे ही पता चला की नेता प्रतिपक्ष का है फ़ोन तो DM के बदले सुर।
दरअसल जब तेजस्वी यादव ने आंदोलन कर रहे लोगों की मदद के लिए पटना के डीएम को फोन किया, तो डीएम फोन पर ही उनसे ही नाराज हो गए और कहने लगे कि आप हमसे हिसाब लीजिएगा क्या। लेकिन जैसे ही डीएम को पता चला कि दूसरी तरफ तेजस्वी यादव हैं तो उनके सुर बदल गए।
जानें तेजस्वी यादव और डीएम पटना के बीच फोन पर क्या हुई थी बातचीत।
वायरल वीडियो में तेजस्वी यादव पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह से बात करते दिख रहे हैं। वीडियो में आसपास नियोजित शिक्षक अभ्यर्थी खड़े हैं।
तेजस्वी कहते हैं, ”ये लोग कह रहे हैं कि इन्हें धरना देने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसा क्यों?” तेजस्वी आगे सवाल करते हैं कि क्या इन लोगों को धरना देने के लिए रोज अनुमति लेनी होगी? पुलिस ने इनपर लाठीचार्ज किया है। इनके भोजन को फेंक दिया है। इन्हें भगा दिया है। तेजस्वी ने कहा कि इनमें सें कुछ अभी मेरे साथ ईको पार्क में हैं। शिक्षक केवल धरना देने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करना चाहते हैं। इनका आवेदन वॉट्सएप पर भेज देते हैं, कृपया अनुमति दे दीजिए।
देखें वायरल वीडियो ।
WATCH: When @yadavtejashwi rung up DM of Patna in front of protesting aspiring teachers in Patna. 👇🏼 pic.twitter.com/QZEHECPCpK
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) January 21, 2021
बिगड़े सुर में ये बोले DM।
तेजस्वी की बात पर DM बोले – अरे भेजिये न पहले, कब तक बताइएगा? क्या आप हिसाब लीजिएगा हमसे? अभी भेजे नहीं हैं, और हिसाब ले रहे हैं कि कब तक बताइएगा
इसके बाद तेजस्वी ने बताया कि वो मैं तेजस्वी यादव बोल रहा हूं। और बस ये सुनते ही DM ने अपने सुर बदलते हुए डीएम ने कहा, ”अच्छा, सर-सर। इसपर नियोजित शिक्षक अभ्यर्थी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल बीते दिन पटना के ईको पार्क में TET पास शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलन कर धरना दे रहे थे। इस दौरान तेजस्वी यादव भी वहां पहुंच गए। लेकिन प्रशासन ने अभ्यर्थियों को धरना-प्रदर्शन की परमीशन नहीं दी थी जिसके बाद भी वहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
तेजस्वी ने वहां पहुंच कर फिर अभ्यर्थियों की समस्या सुनी तब उन्हें पता चला कि जिला प्रशासन उन्हें धरना देने की अनुमति नहीं दे रहा है। इसके बाद ही तेजस्वी यादव ने पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह को फोन मिला दिया और ये घटना हो गई।