देश में आज कई जगह धूम – धाम और हर्षोल्लास के साथ कृष्णा का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। हमारे देश में पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं की माने तो भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
इस बार पंचांग के अनुसार अष्टमी की तिथि 11 अगस्त यानि आज सुबह 9 बजकर 6 मिनट से आरंभ हो रही है. अष्टमी की तिथि 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रही है. 11 अगस्त को भरणी और 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र है. इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आता है जो 13 अगस्त को रहेगा. इसीलिए कुछ स्थानों पर इस दिन भी जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है.
पूजा के लिए शुभ मुहृत।
अमृत काल: 12:48 AM, अगस्त 13 से 02:34 AM, अगस्त 13
विजय मुहूर्त: 02:38 PM से 03:31 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:50 PM से 07:14 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:03 PM से 08:08 PM
निशिता मुहूर्त: 12:05 AM, अगस्त 13 से 12:48 AM, अगस्त 13
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किन जगहों पर आज (11 अगस्त) को मनाई जाएगी जन्माष्टमी ?
जगन्नाथ पुरी, बनारस और उज्जैन में कृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त को मनाई जाएगी. क्युकीं आज 11 अगस्त से अष्टमी तिथि आरंभ होगी.
मथुरा में (12 अगस्त) को मनेगी जन्माष्टमी।
मथुरा और द्वारिका में जन्माष्टमी 12 अगस्त के दिन ही मनाई जाएगी. अधिकतर स्थानों पर 12 अगस्त को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा.
क्यों दो दिन है जन्माष्टमी के मुहृत।
वैदिक या हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में ही मनाई जाती है। कई बार ऐसा होता है कि ज्योतिष गणना में तिथि और नक्षत्र के समय में अंतर पाया जाता है। यही कारण होता है कि तारीखों का मतभेद नजर आता है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था। वहीं, इस वर्ष भी यही संयोग बना हुआ है। इसी की वजह से 11 तथा 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
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(With Inputs From Jagran)