Hindi Newsportal

चमकी बुखार से अब तक 112 बच्चों की मौत, सुप्रीम कोर्ट में होगी 24 जून को सुनवाई

चमकी बुखार से अब तक 112 बच्चों की मौत, सुप्रीम कोर्ट में होगी 24 जून को सुनवाई
0 670

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 112 तक पहुंच गयी है.

चमकी बुखार से पीड़ित ज्यादातर मरीज मुजफ्फरपुर के सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में एडमिट हैं. एसकेएमसीएच में अबतक 93 बच्चों की मौत हो चुकी है, वहीं केजरीवाल अस्पताल में 19 बच्चे दम तोड़ चुके हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, बुधवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर 24 जून को सुनवाई करने पर सहमति जताई है.

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और सूर्यकांत की एक अवकाश पीठ ने कहा कि वह सोमवार को अधिवक्ता मनोहर प्रताप द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका (पीआईएल) को उठाएगी.

दो अधिवक्ताओं द्वारा दायर की गई याचिका में केंद्र और बिहार सरकार को तत्काल स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक चिकित्सा पेशेवरों के साथ 500 बेड के आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) की व्यवस्था करने की मांग की गई है.

अधिवक्ता मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी ने बिहार सरकार द्वारा प्रभावित क्षेत्र के सभी निजी चिकित्सा संस्थानों को “असाधारण सरकारी आदेश” अधिसूचित करने की मांग की थी जिसके तहत वे मरीजों को नि: शुल्क उपचार और उपचार प्रदान करें.

जनहित याचिका में कहा गया है कि बीमारी से पूरी तरह निपटा जा सकता है और बच्चों की जान राज्य मशीनरी की ‘निष्क्रियता’ के कारण जा रही है, जिसका प्रकोप रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.

ALSO READ: अलग-अलग राज्यसभा उपचुनावों के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को सुप्रीम…

याचिका में लिखा गया,”जापानी इन्सेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोमके या चमकी बुखार के प्रकोप से निपटने में राज्य मशीनरी पूर्ण तरह से विफल रही है. एक महामारी स्तर की स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों, बिस्तरों, गहन देखभाल इकाइयों की कोई उपलब्धता नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप बिहार में मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में 126 से अधिक बच्चों की मौत हुई है.”

जनहित याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार को प्रत्येक मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए.

बिहार में चमकी बुखार से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के लिए मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है और केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ बीमारी से पहले एक्शन नहीं लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.

चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, शरीर के बढ़ते तापमान के साथ साथ इसके लक्षणों में बेहोशी, तेज बुखार, उल्टी और मतली शामिल हैं.