कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस इकाई के प्रमुख गुलाम अहमद, जो प्रतिबंधों के बावजूद पार्टी नेताओं के साथ बैठक के लिए गुरुवार को कश्मीर पहुंचे, उन्हें राज्य प्रशासन द्वारा श्रीनगर हवाई अड्डे पर रोक दिया गया.
आजाद सुबह-सुबह विमान में सवार हुए. उनकी पार्टी ने केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले का कड़ा विरोध किया है.
गुलाम आजाद को न्यूजवायर एएनआई ने उद्धृत किया था,”मैं हमेशा संसद सत्र की समाप्ति के बाद [कश्मीर जाता हूं]. मैंने किसी से अनुमति नहीं मांगी है. मैं दुख की घड़ी में लोगों से जुड़ने जा रहा हूं.”
#WATCH: #GhulamNabiAzad, Congress on pictures of National Security Advisor (NSA) #AjitDoval interacting with locals in Shopian yesterday: Paise dekar aap kisiko bhi saath le sakte ho. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/CIFskgHHSa
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) August 8, 2019
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कश्मीर रवाना होने से पहले, आज़ाद ने अपने इस कदम के लिए केंद्र के खिलाफ गुस्सा निकाला और दावा किया, “जम्मू और कश्मीर के लोग गुस्से में हैं. कोई इंटरनेट नहीं, कोई व्हाट्सएप नहीं, कोई वाहन चालन नहीं. यह पहला राज्य है जहां कर्फ्यू लगाने के बाद एक कानून पारित किया गया है.”
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि पार्टी “एकतरफा, ब्रेज़ेन और पूरी तरह से अलोकतांत्रिक तरीके” से निरस्त किये गए अनुछेद 370 को अस्वीकार करती है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उप प्रमुख उमर अब्दुल्ला सहित विभिन्न विपक्षी नेताओं को प्रतिबंधात्मक गिरफ्तारी के तहत रखा गया है.
दोनों सदनों ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने और अनुच्छेद 370 को रद्द करने वाले प्रस्ताव को पारित किया है.