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क्या बिहार का सत्तरघाट ब्रिज उदघाटन के केवल एक महीने के बाद टूटा?- जानें सच

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गुरुवार (16 जुलाई) को बिहार के गोपालगंज में 264 करोड़ की लागत से गंदक नदी पर बने सत्तरघाट ब्रिज के टूटने कि खबर सोशल मीडिया पर फ़ैल गयी। देश के बड़े से बड़े न्यूज़ चैनल ने भी इस खबर को अपने – अपने न्यूज़ चैनल पर चलाया।

अचरज वाली बात ये है कि ये खबर ट्विटर पर कुछ दिनों पहले ट्रेंड भी कर रही थी।

• Inauguration : 16 Jun 2020• Collapsed : 15 July 2020Just within 30 days Rs 263.47 Cr bridge in Sattar ghat in…

Hyderabad Daily Reporter यांनी वर पोस्ट केले बुधवार, १५ जुलै, २०२०

यहां तक ​​कि बिहार में विपक्ष के RJD के नेता, तेजस्वी यादव ने भी इस वायरल पोस्ट को शेयर किया।

वायरल पोस्ट में ये भी दावा किया जा रहा था कि बिहार के गोपालगंज में बने इस सत्तर घाट ब्रिज के निर्माण में लागत 264 करोड़ आई थी और ये उदघाटन के एक महीने के बाद ही टूट गया।

फैक्ट चेक –

न्यूज़ मोबाइल ने वायरल इस ब्रिज कि तस्वीर कि जांच की और पाया की ये पोस्ट फेक है।

इस पोस्ट की पड़ताल करते हुए हमे पता चला की ये ब्रिज की तस्वीर सत्तरघाट की नहीं बल्कि सत्तरघाट से मात्र 2 किलोमीटर दूर कसी और ब्रिज की है।

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सूचना और जनसंपर्क विभाग, बिहार ने इस मुद्दे पर स्पष्टता देते हुए बताया कि टूटे हुए ब्रिज की तस्वीर सत्तार घाट की नहीं हैं, बल्कि उसी नदी पर एक अन्य पुल की हैं, जो उस स्थान से 2 किमी दूर है।

क्षतिग्रस्त पुल 18 मील लंबा है और यह गंदक नदी के बांध के नीचे बना है।

इस दावे को खारिज करते हुए पुल से गुजरने वाले कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने भी पुल कि तस्वीर साझा करते हुए बताया कि अब देख सकते है कि पुल पर कोई नुकसान नहीं हुआ है।

इसलिए, उपरोक्त जानकारी से, यह दावा कर सकते है कि पोस्ट भ्रामक और झूठी हैं।

यदि आप किसी भी स्टोरी को फैक्ट चेक करना चाहते हैं, तो इसे +91 88268 00707 पर व्हाट्सएप करें।

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