सोमवार की रात भारत- चीन में लद्दाख के पास हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना ने अपने 20 जवान खो दिए वही चीन के भी लगभग 40 जवान मारे गए है, हालांकि चीन ने अभी अपने सैनिको की जनहानि की संख्या को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है। दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति उस वक़्त पैदा हुई जब दोनों देशों के बीच पिछले दिनों सीमा पर पैदा हुए तनाव को दूर करने की कोशिशें हो रही थीं और दोनों देशों के अफसर शांति वार्ता करते हुए सेनाओं को पीछे ले रहे थे। 20 जवानों की शहादत के बाद भारतीय राजनेताओं सहित देश की जनता भी आक्रोशित है।
20 सैनिकों की जान जाने से गुस्साए उत्तरप्रदेश के कानपुर में आज लोगों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शव यात्रा निकाली।
उत्तर प्रदेश: कानपुर के निवासियों ने प्रतीकात्मक रूप से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शव यात्रा निकाली। गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई, इसके विरोध में यहां लोगों ने शव यात्रा निकाली। pic.twitter.com/Uz6tvjvpPe
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) June 18, 2020
वही बिहार की राजधानी पटना में जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने एक जेसीबी मशीन पर चढ़कर एक चीनी मोबाइल फोन निर्माता के बैनर पर कालिख पोती।
#WATCH Bihar: Jan Adhikar Party Chief Pappu Yadav climbs a JCB machine in Patna to blacken banner of a Chinese mobile phone manufacturer. pic.twitter.com/TSUBGx8WvI
— ANI (@ANI) June 18, 2020
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इसके अलावा पटना में लोगों ने गधों को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रक्षा मंत्री की फोटो पहनाकर विरोध प्रदर्शन किया।
बिहार: पटना में लोगों ने गधों को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रक्षा मंत्री की फोटो पहनाकर विरोध प्रदर्शन किया। 15-16 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवानों की जान चली गई थी। pic.twitter.com/DtlOmj2Pqv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2020
एक तरफ जहाँ चीनी बॉर्डर पर सेना अलर्ट पर है और भारतीय सेना को फ्री हैंड दिया जा चूका है वही भारतीय भी चीन और चीनी सामानों को बहिष्कार करने के आंदलनों का आगाज़ कर रहे है। इसी क्रम में कल कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders ) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की आक्रामकता की निंदा करते हुए चीनी सामनों के बहिष्कार (Chinese Product Boycott) का आह्वान किया है। वहीं दूसरी ओर स्वेदशी जागरण मंच ( Swadeshi Jagran Manch ) की ओर से भी चीनी कंपनियों को भारत से बाहर करने और उन्हें टेंडर ना भरने देने की मांग की है।