कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस सरकार खतरे में नज़र आ रही है. खतरे के बादल शनिवार को और गहरा गए जब 12 विधायक इस्तीफा देने के लिए विधानसभा पहुंच गए. ये विधायक स्पीकर के पास अपना त्याग पत्र सौंपने पहुंचे हैं. हालांकि ताज़ा जानकारी के मुताबिक अभी स्पीकर अपने दफ्तर में मौजूद नहीं है.
इन विधायकों में नौ कांग्रेस के हैं, जबकि तीन विधायक जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के हैं.
इस्तीफों को देखते हुए उपमुख्यमंत्री परमेश्वर और मंत्री शिव कुमार ने तत्कालीन सभी कांग्रेस विधयाकों की बैठक बुलाई है. बैठक शाम पांच बजे बुलाई गयी है.
#UPDATE Karnataka: Deputy Chief Minister G. Parameshwara and State minister D. K. Shivakumar have called a emergency meeting of Congress Bengaluru MLAs and Corporators later today after 8 Congress& 3 JDS MLAs reached Assembly speaker office. https://t.co/a62qceokan
— ANI (@ANI) July 6, 2019
कांग्रेस जेडीएस में विधायकों का पार्टी का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थामने की हवा ने अब संगीन रूप ले लिया है.
बता दें कि बुधवार को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और जद(एस) सूत्रों ने बताया था कि और अधिक असंतुष्ट विधायकों के भाजपा से हाथ मिलाने की आशंका के मद्देनजर गठबंधन समन्वय समिति प्रमुख सिद्धारमैया और मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने स्थिति को काबू में करने के लिए उनसे संपर्क साधा था.
इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस मंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा था कि कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस की सरकार सुरक्षित है और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधायकों से नौ और 10 जुलाई को जिलावार बैठकें करेंगे तथा उनके मुद्दे सुनेंगे। सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित बैठकों का लक्ष्य चिंताओं को दूर करना और असंतुष्ट विधायकों को मनाना है.
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हालांकि अगले सप्ताह होने वाली इस बैठक से पहले ही आज कई कांग्रेस जेडीएस विधायकों के इस्तीफे देने की ख़बरों ने टूल पकड़ लिया है.
224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 104 सीटें जीती थी. वहीँ कांग्रेस जेडीएस गठबंधन मिलकर 117 सीटें जीतने में कामयाब रहा था. कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए 113 का मेजोरिटी मार्क चाहिए होता है. अगर आज इस्तीफ़ा देने पहुंचे विधायक इस्तीफ़ा सौंप देते है तो कांग्रेस जेडीएस की सरकार गिर जाएगी. ऐसे में भाजपा सरकार बनाने का प्रस्ताव सामने रख पाएगी.