सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस पर शनिवार को फैसला सुनाते हुए कहा है कि विवादित जमीन हिंदुओं को दी जाएगी और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए दूसरी 5 एकड़ मुख्य जगह मिलेगी.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 3-4 महीने के भीतर केंद्र सरकार एक ट्रस्ट की स्थापना के लिए योजना तैयार करे और विवादित स्थल को मंदिर के निर्माण के लिए सौंप दे और अयोध्या में 5 एकड़ जमीन का एक उपयुक्त वैकल्पिक भूखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाएगा।
यह फैसला सभी जजों की सहमति से हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि पुरात्व विभाग (ASI) ने मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं. पीठ ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्मस्थल मानते हैं और रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट के लिए थिओलॉजी में जाना उचित नहीं है. लेकिन पुरातत्व विभाग यह भी नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी.
मुख्य बातें
- तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाए सरकार
- मुस्लिम पक्ष को मिलेगी 5 एकड़ जमी
- रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी विवादित जमीन
- आस्था के आधार पर मालिकाना नहीं- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच, जिसने लगातार 40 दिनों के लिए संवेदनशील मामले की सुनवाई की, 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और चार अन्य न्यायाधीशों- जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, अशोक भूषण, डी वाई चंद्रचूड़ और एस अब्दुल नाज़ेर की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुनाया.
फैसले को देखते हुए प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सोमवार तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। प्रदेश में सख्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अयोध्या में जबरदस्त नाकेबंदी की गई है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू, मध्य प्रदेश, आदि सहित कई राज्यों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर देश के लोगों से शांति बना रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है। उन्होंने कहा- “अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।”
देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019