सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने बुधवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मामले की सुनवाई करते हुए मामले में सुनवाई पूरी करने का 18 अक्टूबर का लक्ष्य रखा। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, ”हम 18 अक्टूबर तक इसे समाप्त करने के लिए एक संयुक्त प्रयास करेंगे।”
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि एक महीने में बहस पूरी करने के लिए सभी पक्षों को कोशिश करनी पड़ेगी. जरूरत पड़ी तो हम शनिवार को भी सुनवाई के लिए तैयार हैं.
इससे पहले पीठ ने कल सभी वकीलों से एक साथ बैठने के लिए कहा था ताकि वे अपनी दलीलें पूरी करने के लिए एक अस्थायी कार्यक्रम के साथ आएं, जिससे की न्यायाधीश यह निर्णय ले सकें कि उन्हें कितना समय देना है।
आज मध्यस्थता पर चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर पक्ष आपसी बातचीत से मसले का समझौता करना चाहते है तो इसे कोर्ट के समक्ष रखे. आप मध्यस्थता कर सकते हैं. इसकी गोपनीयता बनी रहेगी.
ALSO READ: आर्थिक संकट को लेकर प्रियंका गांधी ने साधा सरकार पर निशाना, कहा चकाचौंध दिखा कर आर्थिक सुधार नहीं होता
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थता समिति पार्टियों के बीच आम सहमति विकसित करने में विफल रही. जिसके बाद पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने पिछले महीने अगस्त से दैनिक सुनवाई शुरू कर दी थी.
2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक दर्जन से अधिक अपीलें दायर की गई थीं है. हाई कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों – सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से विभाजित कर दिया था।